अपने उत्तर में 'ग्रीनहाउस गैसों' और 'ग्रीनहाउस प्रभाव' का उल्लेख अवश्य करें, क्योंकि ये वैश्विक ऊष्मायन की प्रक्रिया के मूल में हैं। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उदाहरण देना अच्छा है।
वैश्विक ऊष्मायन (Global Warming), जिसे भूमंडलीय तापन भी कहते हैं, पृथ्वी की सतह के औसत तापमान में हो रही दीर्घकालिक वृद्धि को संदर्भित करता है। यह मुख्य रूप से मानव गतिविधियों के कारण वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड) की सांद्रता बढ़ने के कारण होता है। प्रक्रिया:
सूर्य से आने वाली ऊर्जा पृथ्वी की सतह को गर्म करती है।
पृथ्वी इस ऊर्जा का कुछ हिस्सा वापस अंतरिक्ष में परावर्तित करती है।
वायुमंडल में मौजूद ग्रीनहाउस गैसें इस बाहर जाती हुई गर्मी को सोख लेती हैं, जिससे वायुमंडल गर्म हो जाता है। इसे 'ग्रीनहाउस प्रभाव' कहते हैं।
जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोल) जलाने, वनों की कटाई और औद्योगिक प्रक्रियाओं से इन गैसों की मात्रा बढ़ रही है, जिससे यह प्रभाव तेज हो रहा है और पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।