वादी स्वर वह स्वर होता है जो राग में प्रमुख रूप से व्यक्त होता है और राग की मुख्य धारा के रूप में कार्य करता है। यह स्वर राग के भाव और प्रकृति को स्थापित करता है और पूरे राग की पहचान के लिए महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण के लिए, राग यमन में ग (गांधार) वादी स्वर है, क्योंकि यह स्वर राग के संपूर्ण भाव और लय को व्यक्त करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।