स्वर-संधि के कितने भेद होते हैं?
स्वर-संधि के पाँच प्रमुख भेद होते हैं: दीर्घ-संधि: जब दो स्वर मिलकर एक दीर्घ स्वर (लंबा स्वर) का रूप धारण करते हैं। उदाहरण: "नदी" + "के" = "नदीके"। गुण-संधि: जब एक स्वर का गुणात्मक परिवर्तन होता है, जैसे अ + आ = आ। यण-संधि: जब स्वरों के मिलन से 'य' का प्रयोग होता है। उदाहरण: "मूल" + "आकर्षण" = "मूलाकर्षण"। अयादि-संधि: इसमें स्वर के बाद आने वाले स्वर के कारण परिवर्तन होता है। उदाहरण: "नदी" + "के" = "नदीके"। कृदंत-संधि: जब क्रिया से उत्पन्न होने वाला प्रत्यय किसी स्वर के साथ मिलकर स्वर परिवर्तन करता है।
उदाहरण: "चल" + "इसी" = "चलीसी"।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) लक्ष्मी का एक झूब्बेदार पूँछ था।
(ii) घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है।
(iii) सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया।
निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
(1) मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
(2) मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें हाथों से झटककर बोली।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) आराम हराम हुआ है।
(अपूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं।
(पूर्ण भूतकाल)
(iii) मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा।
(सामान्य भविष्यकाल)
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
जल्दी जल्दी पैर बढ़ा
Rearrange the following parts to form a meaningful and grammatically correct sentence:
P. a healthy diet and regular exercise
Q. are important habits
R. that help maintain good physical and mental health
S. especially in today's busy world