मस्तिष्क हर वस्तु या घटना के लिए ज्ञान के फ़ोल्डर बनाता है; इन्हीं को स्कीमा कहते हैं। उदाहरण: कक्षा का स्कीमा—शिक्षक, बोर्ड, पंक्तियाँ, शांति, प्रश्न–उत्तर। नई कक्षा दिखते ही यह स्कीमा सक्रिय होकर अर्थ देता है। स्कीमा ध्यान (किस पर गौर करें), स्मृति (क्या याद रहे), और निष्कर्ष (कैसे समझें) को प्रभावित करते हैं। लाभ: गति और अर्थ–निर्माण। जोखिम: गलत या पूर्वाग्रहयुक्त स्कीमा धारणाएँ तोड़–मरोड़ सकते हैं। शिक्षण में पूर्वज्ञान सक्रिय करना, उदाहरण देना, और कॉन्सेप्ट–मैप जैसे उपकरण नई सीख को पुराने ढाँचों से जोड़ते हैं ताकि गलत स्कीमा संशोधित हो सकें।