Question:

शून्य काल से आप क्या समझते हैं ? 
 

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शून्य काल और प्रश्न काल के बीच का अंतर स्पष्ट रूप से समझें। प्रश्न काल एक औपचारिक प्रक्रिया है जिसमें पूर्व सूचना की आवश्यकता होती है, जबकि शून्य काल अनौपचारिक है और बिना पूर्व सूचना के मामले उठाने की अनुमति देता है।
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Solution and Explanation

शून्य काल (Zero Hour) भारतीय संसदीय प्रक्रिया में एक अनौपचारिक व्यवस्था है। यह संसद के दोनों सदनों में प्रश्न काल के तुरंत बाद और दिन की कार्यसूची शुरू होने से पहले का समय होता है, जो आमतौर पर दोपहर 12 बजे शुरू होता है। मुख्य विशेषताएँ:
  • भारतीय नवाचार: शून्य काल की व्यवस्था संसदीय नियमों में उल्लिखित नहीं है; यह 1962 के बाद से भारत में विकसित हुई एक संसदीय परंपरा है।
  • उद्देश्य: इस दौरान संसद सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामलों को उठा सकते हैं।
  • अनौपचारिक प्रकृति: चूँकि यह नियमों में परिभाषित नहीं है, इसलिए इस दौरान मामलों को उठाना लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति के विवेक पर निर्भर करता है।
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