Step 1: Understanding the Concept:
क्रियापद वह शब्द होता है जो किसी कार्य के होने या करने का बोध कराता है। यह वाक्य को पूर्ण करता है और इसमें धातु, लकार, पुरुष और वचन होते हैं।
Step 2: Detailed Explanation:
वाक्य 'शुभास्ते पन्थानः सन्तु' का विश्लेषण करते हैं:
पन्थानः: यह कर्ता पद (विशेष्य) है, जिसका अर्थ है 'मार्ग'। (प्रथमा विभक्ति, बहुवचन)
शुभाः: यह 'पन्थानः' का विशेषण है, जिसका अर्थ है 'शुभ'। (प्रथमा विभक्ति, बहुवचन)
ते: यह सर्वनाम है, जिसका अर्थ है 'तुम्हारे'। (षष्ठी विभक्ति एकवचन का रूप 'तव' का वैकल्पिक रूप)
सन्तु: यह 'अस्' (होना) धातु का लोट् लकार (आज्ञार्थक/आशीर्वाद), प्रथम पुरुष, बहुवचन का रूप है। इसका अर्थ है 'होवें'। यह वाक्य में होने की क्रिया को दर्शा रहा है।
वाक्य का अर्थ है: "तुम्हारे मार्ग शुभ हों"। यहाँ 'सन्तु' ही एकमात्र क्रियापद है।
Step 3: Final Answer:
अतः, इस वाक्य में क्रियापद 'सन्तु' है।