माँग वक्र और आपूर्ति वक्र के प्रतिच्छेद पर प्राप्त \(P^*\) को संतुलन कीमत और उससे जुड़ी \(Q^*\) को संतुलन मात्रा कहते हैं। यदि कीमत \(P>P^*\) हो तो बाजार में अधिशेष बनता है; विक्रेता स्टॉक घटाने हेतु कीमत घटाते हैं, जिससे \(P\downarrow\) और बाजार फिर \(P^*\) पर लौटता है। यदि \(P<P^*\) हो तो अभाव बनता है; खरीदार अधिक भुगतान को तैयार रहते हैं और कीमत बढ़ती है। माँग या आपूर्ति के निर्धारकों (आय, रुचि, तकनीक, इनपुट‑कीमत, कर) में परिवर्तन से वक्र खिसकते हैं, जिससे नया संतुलन बनता है। पूर्ण प्रतिस्पर्धा में यह प्रक्रिया तेजी से काम करती है, जबकि अन्य बाजार रूपों में समायोजन धीमा हो सकता है। ग्राफ पर D और S की काट पर \(P^*,Q^*\) चिन्हित करें।