यह व्यवहार संबंधों में विश्वास और सामाजिक पूँजी बढ़ाता है। चालक तत्त्व केवल लागत–लाभ नहीं; दया, कृतज्ञता और अपराध–बोध जैसे भाव भी हैं। परिवार/स्कूल में वयस्कों की मॉडलिंग, सकारात्मक प्रोत्साहन और संरचनात्मक अवसर (सेवा–अधिगम) व्यवहार को टिकाऊ बनाते हैं। संकट में स्पष्ट ज़िम्मेदारी, प्रशिक्षण और संसाधन सहायता बढ़ाते हैं। डिजिटल परिवेश में भी सचेत साझा करना, सत्यापन और अफवाह–निरोध प्रसामाजिकता के नए रूप हैं।