स्पष्टीकरण:
राग खमाज का वादी स्वर 'ग' (गांधार) है, जो इसका मुख्य स्वर माना जाता है।
- राग खमाज एक प्रमुख राग है जो खमाज थाट पर आधारित होता है।
- इसके आरोह (चढ़ाव) और अवरोह (उतराव) में विशेष रूप से गांधार (ग) स्वर का उपयोग किया जाता है, जो इसे एक खास पहचान और रूप प्रदान करता है।
- राग खमाज का वादी स्वर ग होने के कारण, इस राग में गांधार का उच्चारण बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह स्वर राग की भावनात्मक गहराई और विशेषता को व्यक्त करता है।
- राग खमाज को सामान्यत: रात्रि के समय गाया जाता है और यह उत्साह और विवेक का प्रतीक होता है।
इस प्रकार, राग खमाज का वादी स्वर गांधार (ग) होता है, जो राग की प्रमुखता और विशेषता को दर्शाता है।