राग केदार एक गंभीर और भव्य राग है जो शाम के समय गाया जाता है। यह राग भैरव थाट का राग है और इसमें शुद्ध और कोमल स्वर दोनों का प्रयोग होता है। केदार राग का आरोह और अवरोह दोनों बहुत ही शांत और प्रभावी होते हैं। इसके आरोह में सा, रे, ग, म, पा, ध, नि, और सा का प्रयोग होता है। अवरोह में सा, नि, ध, म, ग, रे, सा होते हैं। राग केदार में विशेष रूप से भक्ति भाव और तात्त्विक शांति का भाव व्यक्त होता है।