स्पष्टीकरण:
राग बिहाग में निषाद कोमल स्वर का प्रयोग होता है, जो इसके विशिष्ट स्वरूप को दर्शाता है।
- राग बिहाग एक प्रमुख राग है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में विशेष स्थान रखता है। यह राग आमतौर पर रात्रि के समय गाया जाता है और इसका संगीत शांत, भावपूर्ण, और गंभीर होता है।
- राग बिहाग में निषाद कोमल (नि) स्वर का प्रयोग राग की विशिष्टता को और बढ़ाता है। कोमल निषाद का प्रयोग राग को एक विशेष भावनात्मक गहराई और मधुरता प्रदान करता है, जो इसे अन्य रागों से अलग करता है।
- राग बिहाग में आरोह और अवरोह में निषाद कोमल (नि) के प्रयोग से यह राग एक विस्तृत और भावनात्मक अनुभव उत्पन्न करता है। इस राग का स्वर रूप उसे एक दुख, विषाद, और संवेदनशीलता की अनुभूति देता है, जो श्रोता को गंभीरता और संदेश से जोड़ता है।
- राग बिहाग का गायन शास्त्रीय रूप में किया जाता है, और इसके संगीत में ध्यान और भावनात्मक गहराई को महसूस किया जाता है। इसके स्वर कोमल निषाद के कारण राग को विशेष रूप से एक वेदना और संतुलन से भरी भावना मिलती है, जो इसे अत्यंत अर्थपूर्ण और प्रभावशाली बनाती है।
इस प्रकार, राग बिहाग में निषाद कोमल स्वर का प्रयोग राग के विशिष्ट स्वरूप को दर्शाता है और इसे एक गंभीर, भावनात्मक और मधुर अनुभव प्रदान करता है।