प्रातः गेय राग वे राग होते हैं जिन्हें प्रात: काल (सुबह) के समय गाने या बजाने का विशेष महत्व होता है। इन रागों की विशेषता है कि इनका प्रभाव शांति, सुख, और ताजगी को व्यक्त करता है।
दो प्रमुख प्रातः गेय रागों के उदाहरण:
(A) राग भैरव - यह राग प्रातःकाल में गाया जाता है और इसमें शुद्ध और गंभीर स्वरों का प्रयोग होता है।
(B) राग यमन - यह भी प्रातः काल का राग है और इसका स्वर गहरे, मधुर और शांतिपूर्ण होते हैं।