कदम 1: लोक-शब्द की पहचान। ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्रों में "दहिया" शब्द का प्रयोग प्रायः अनाज भंडारण के लिए बने बाँस, फूस या मिट्टी से बने बड़े स्टोरेज-बिन/कोठार के अर्थ में होता है।
कदम 2: प्रयोजन समझें। इसका उपयोग धान–मकई–गेहूँ जैसे अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने, नमी और कीट से बचाने के लिए किया जाता है।
कदम 3: विकल्प जाँच। यह न तो स्थानांतरण खेती, न पशुपालन और न हस्तकला का विशिष्ट उपकरण है; इसलिए सही मेल खाद्य/अनाज संग्रह है।