फलन माँग का संक्षिप्त गणितीय रूप है। एकल‑चर विश्लेषण में हम अन्य निर्धारकों को स्थिर मानते हैं और \(Q_d=f(P_x)\) से माँग वक्र बनाते हैं। पर नीति और पूर्वानुमान में आय, क्रॉस‑कीमतें, विज्ञापन, ऋतुएँ, वितरण और अपेक्षाएँ महत्वपूर्ण होते हैं। उदाहरणतः चाय की माँग \(Q_d=f(P_{tea},\,Y,\,P_{coffee},\,A)\) लिखी जा सकती है; \(P_{coffee}\) बढ़े तो \(Q_{tea}\) दाएँ शिफ्ट करता है क्योंकि दोनों स्थानापन्न हैं। प्रतिगमन तकनीकों से इन कारकों के गुणांकों का अनुमान कर सकते हैं। यही फलन लोच, बाजार पूर्वानुमान, और कर/सब्सिडी के प्रभाव का आधार देता है। फलन का रूप रैखिक, घातीय, लॉग‑रैखिक आदि लिया जा सकता है।