Question:

माँग की लोच कब इकाई होती है?
 

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याद रखें: \(\varepsilon=1 $\Rightarrow$ TR\) अधिकतम और \(MR=0\) (रैखिक माँग पर मध्यबिंदु)।
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Solution and Explanation

लोच \(\varepsilon=\frac{%\Delta Q}{%\Delta P}\). \(\varepsilon=1\) होने का अर्थ है कीमत बदलने से खरीदी गई राशि \(P\times Q\) अपरिवर्तित रहती है; इसलिए इसे यूनिटरी लोच कहते हैं। रैखिक माँग \(Q=a-bP\) में ऊपर का भाग अधिक लोचदार (\(\varepsilon>1\)), नीचे का भाग अलोचदार (\(\varepsilon<1\)) और मध्य पर \(\varepsilon=1\) होता है; इसी बिंदु पर सीमांत राजस्व शून्य और कुल राजस्व अधिकतम होता है। आयताकार अतिपरवलय (rectangular hyperbola) पर \(PQ\) स्थिर रहने से हर बिंदु पर \(\varepsilon=1\) रहता है। व्यावसायिक निर्णय में यह जानकारी महत्वपूर्ण है: यदि सामान यूनिटरी क्षेत्र में बिक रहा हो तो कीमत परिवर्तन से कुल बिक्री राशि नहीं बदलेगी।
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