"लेवत मुख में घास मृग, मोर तजत नृत जात। आँसू गिरियत जर लता, परि-परि पात ।।" उक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
यह पंक्तियाँ यमक अलंकार का उदाहरण हैं। यमक अलंकार तब होता है जब एक ही शब्द का दो अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है, और यह एक साथ वाक्य में उपस्थित होता है। 'पात' शब्द का एक अर्थ 'पत्तियाँ' से लिया गया है और दूसरा अर्थ 'पतन' से। इस प्रकार 'पात' का दो अर्थों में प्रयोग होने के कारण यह यमक अलंकार है।
निर्देशानुसार 'अलंकार' पर आधारित प्रश्न में से रेखांकित काव्य-पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए:
अभिमन्यु-धन के निधन से कारण हुआ जो मूल
इससे हमारे हत हृदय को, हो रहा जो शूल है।
उदाहरण द्वारा अतिशयोक्ति अलंकार स्पष्ट कीजिए।
अलंकार ?
मगर उनकी लाई चिड़ियाँ
पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं।
अलंकार ?
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात।
मनहु नीले मणि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।।
इनमें से कौन शब्दालंकार नहीं है?