चरण 1: विधेयक की पहचान। 
'तीन तलाक' कानून का औपचारिक नाम मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 है। इसका लक्ष्य 'तलाक-ए-बिदअत' (एक बार में तीन तलाक बोलकर विवाह तोड़ना) को अवैध और दंडनीय घोषित करना था। 
चरण 2: संसदीय प्रक्रिया। 
पहले 2017 और 2018 में विधेयक लाया गया पर राज्यसभा में लंबित रहा। अंततः लोकसभा ने 25 जुलाई 2019 को और राज्यसभा ने 30 जुलाई 2019 को विधेयक पारित किया। राष्ट्रपति की मंजूरी 1 अगस्त 2019 को मिली और वही वर्ष इस कानून के अधिनियमित होने का वर्ष बना। 
निष्कर्ष: दोनों सदनों द्वारा पारित होने का सही वर्ष 2019 है—इसलिए उत्तर (3)।