स्पष्टीकरण:
भूपाली राग बिलावल थाट का प्रमुख राग है, जो सरल और लोकप्रिय है।
- भूपाली राग का संबंध बिलावल थाट से है, जो एक मधुर और संगीतात्मक थाट है। इस थाट में रागों का सरल स्वरूप होता है, और यही कारण है कि भूपाली राग को आमतौर पर साधारण और स्वाभाविक माना जाता है।
- भूपाली राग का ध्वनि स्वरूप सीधा और सहज होता है, जिससे यह श्रोता के दिल को जल्दी छूता है। इसकी आरोह और अवरोह सरल हैं, और इसमें सभी स्वर प्राकृतिक होते हैं, जिससे इसका संगीत सरल, आनंदमय और लोकप्रिय बन जाता है।
- भूपाली राग में स्वरों का क्रम इस प्रकार होता है: आरोह (सा रे गा मा पा) और अवरोह (पा मा गा रे सा), जो इसकी सरलता और प्राकृतिकता को उजागर करते हैं।
- इस राग का गायन रात्रि या संध्या काल में किया जाता है, और इसके भाव शांत, सरल और आत्मीय होते हैं। यह राग भावनात्मक शांति और संतुलन की भावना उत्पन्न करता है, जो इसे बहुत लोकप्रिय बनाता है।
- भूपाली राग का लोकप्रियता का कारण यह भी है कि इसका संगीत आम लोगों तक आसानी से पहुँचता है और इसे समझना और गाना दोनों ही सरल होते हैं।
इस प्रकार, भूपाली राग बिलावल थाट का प्रमुख राग है, जो सरल और लोकप्रिय है, और इसका संगीत सरलता और मधुरता के कारण श्रोताओं में प्रिय है।