एड्रीनल ग्रंथि से अड्रेनालाईन हार्मोन का स्त्राव होता है, जिसे "जीवन रक्षक हार्मोन" भी कहा जाता है। यह हार्मोन शारीरिक आपातकाल में, जैसे खतरे की स्थिति में, शरीर की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है।
अड्रेनालाईन के प्रभाव से:
- दिल की धड़कन बढ़ जाती है: अड्रेनालाईन शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, विशेष रूप से मांसपेशियों और हृदय में। इसके कारण दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिससे शरीर त्वरित ऊर्जा प्राप्त करता है और उसे अधिक सक्रिय बनाता है।
- रक्तचाप ऊँचा होता है: अड्रेनालाईन के प्रभाव से रक्त वाहिकाओं में संकुचन होता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। यह शरीर को तेजी से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को मांसपेशियों तक पहुँचाने में मदद करता है, जो आपातकालीन स्थितियों में त्वरित क्रियावली के लिए आवश्यक होते हैं।
- शरीर के अन्य अंगों को त्वरित ऊर्जा मिलती है: अड्रेनालाईन शारीरिक ऊर्जा को रिलीज़ करता है, जिससे मांसपेशियाँ त्वरित प्रतिक्रिया कर सकती हैं। यह हार्मोन शरीर को "फाइट-ऑर-फ्लाइट" (लड़ाई या भागने) प्रतिक्रिया में मदद करता है, जिससे व्यक्ति को किसी भी खतरे से बचने या उससे निपटने में मदद मिलती है।
इस प्रकार, अड्रेनालाईन शारीरिक आपातकाल की स्थिति में शरीर की प्रतिक्रिया को तेज़ करता है और जीवन रक्षा के लिए आवश्यक त्वरित कार्यवाही को संभव बनाता है। यह हार्मोन शरीर के विभिन्न अंगों को सक्रिय कर देता है, जिससे व्यक्ति को तत्काल ऊर्जा मिलती है और वह संकट की स्थिति से उबरने में सक्षम होता है।