जल प्रदूषण रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर (Sodium Hypochlorite) का प्रयोग किया जाता है। यह एक अत्यंत प्रभावी रसायन है जो जल में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है। ब्लीचिंग पाउडर का मुख्य कार्य जल में उपस्थित हानिकारक सूक्ष्मजीवों को समाप्त करना है, जिससे जल शुद्ध और सुरक्षित बनता है। इसका उपयोग जल को शुद्ध करने और विभिन्न जलजनित रोगों से बचाव के लिए किया जाता है।
सोडियम हाइपोक्लोराइट (NaOCl) का रासायनिक गुण जल में उपस्थित बैक्टीरिया और वायरस के कोशिका दीवारों को तोड़ने और उनकी गतिविधि को नष्ट करने में मदद करता है, जिससे जल में संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, यह जल के रंग और गंध को भी सुधारने में सहायक है, जिससे यह पीने योग्य और उपयोग में सुरक्षित बनता है।
इसके विपरीत, सोडियम क्लोराइड (NaCl), जो सामान्य नमक के रूप में जाना जाता है, जल शुद्ध करने के लिए प्रभावी नहीं है। यह केवल जल में लवणता बढ़ाता है, लेकिन इसमें रोगाणुरोधी गुण नहीं होते हैं। इसी तरह, कैल्सियम क्लोराइड (CaCl2) और पोटाशियम मेटाबाइसल्फेट (K2S2O5) भी जल शुद्धिकरण में प्रभावी नहीं होते हैं। कैल्सियम क्लोराइड का उपयोग आमतौर पर बर्फ को पिघलाने के लिए किया जाता है, और पोटाशियम मेटाबाइसल्फेट का उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है, लेकिन ये जल में उपस्थित हानिकारक सूक्ष्मजीवों को नष्ट नहीं करते हैं।
इसलिए, जल शुद्धिकरण के लिए ब्लीचिंग पाउडर सबसे अधिक प्रभावी और सामान्य रूप से प्रयुक्त रसायन है। इसे पानी में मिलाकर, पानी को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि यह बैक्टीरिया और अन्य वायरस को समाप्त कर सके और पानी को सुरक्षित बनाया जा सके।
नोट: ब्लीचिंग पाउडर का अत्यधिक उपयोग या गलत मात्रा में उपयोग करने से जल में अत्यधिक क्लोरीन का स्तर बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इसे सही मात्रा में और उचित सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिए।