ऐतिहासिक/लोक-रूप:
कहीं-कहीं लोककथाओं/रिवाज़ में अपहरण-आधारित विवाह वर्णित मिलता है, जो सामंती/पितृसत्तात्मक नियंत्रण को दर्शाता है।
कानूनी दृष्टि:
सहमति-रहित, अल्पवय, या दबावयुक्त विवाह अपराध है; अपहरण, उत्पीड़न व महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन।
समाजशास्त्रीय पक्ष:
रूढ़ियाँ/जाति-सीमाएँ, दहेज/सम्मान-हिंसा जैसी संरचनाएँ इसे जन्म देती थीं।
समाधान:
कानूनी जागरूकता, महिला शिक्षा/सशक्तिकरण, समुदाय-परामर्श और शिकायत-निवारण तंत्र आवश्यक हैं।