ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को टीका लगाने के लिए सबसे आम व्यवस्था स्वास्थ्य केन्द्र में होती है। इन केन्द्रों में डॉक्टर और नर्सें टीकाकरण अभियान चलाती हैं ताकि बच्चों को जरूरी टीके मिल सकें। यह टीकाकरण बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में टीकाकरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी बच्चों को समय पर और सही टीके मिलें। यहाँ पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए टीके लगाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इन केन्द्रों में आवश्यक निगरानी और आपातकालीन देखभाल की सुविधाएँ भी उपलब्ध होती हैं, जो किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया से निपटने में मदद करती हैं।
हालांकि, ग्राम पंचायतों, स्कूलों और घरों में भी टीकाकरण अभियान आयोजित किए जा सकते हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुँच कठिन हो सकती है। इन अभियानों के दौरान, स्थानीय समुदाय को जागरूक किया जाता है और बच्चों को टीकाकरण की सुविधा दी जाती है। ग्राम पंचायतों और स्कूलों में टीकाकरण अभियान की व्यवस्था सामान्यत: स्वास्थ्य केन्द्रों के सहयोग से होती है।
लेकिन, मुख्य रूप से बच्चों को टीका लगाने की प्रक्रिया स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा ही की जाती है, क्योंकि यह स्थान सबसे अधिक व्यवस्थित और सुसज्जित होते हैं, जहां सभी प्रकार के टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।