गमक एक प्रकार का अलंकार है जिसका प्रयोग भारतीय शास्त्रीय संगीत में स्वर-सज्जा और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए किया जाता है।
गमक में किसी स्वर को तेज़ी से, बलपूर्वक और लयात्मक ढंग से दोहराया जाता है, जिससे गायन या वादन में तड़क-भड़क, गूंज और प्रभाव उत्पन्न होता है।
यह अलंकार संगीत को अधिक रचनात्मक, आकर्षक और भावपूर्ण बनाता है।
गमक का उपयोग विशेष रूप से ध्रुपद, ख्याल, और वीणा, सारंगी, जैसे वाद्ययंत्रों में किया जाता है, जहाँ स्वर की विविधता और सज्जा को महत्व दिया जाता है।
स्पष्टीकरण: गमक में स्वर की सुरीली और लयबद्ध पुनरावृत्ति होती है, जो संगीत की सुंदरता और भाव को बढ़ाता है।