चरण 1: विषय की परिभाषा। 
समाजशास्त्र वह विधा है जो समाज, सामाजिक संबंधों, समूहों, संस्थाओं, संस्कृति, सामाजिक प्रक्रियाओं और परिवर्तन का वैज्ञानिक अध्ययन करती है। इसका केन्द्र सामाजिक जीवन है—यानी मनुष्य जब अन्य मनुष्यों के साथ अंतःक्रिया करता है तो व्यवहार, नियम और संरचनाएँ कैसे बनती/बदलती हैं। 
चरण 2: विकल्पों का विश्लेषण। 
(1) ''मानव जीवन के सभी पहलू'' में जैविक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि सब कुछ आता है—यह बहुत व्यापक है; समाजशास्त्र का क्षेत्र इनमें से सामाजिक पक्ष तक सीमित रहता है। 
(3) ''प्रकार्यात्मक (functional) पहलू'' केवल एक दृष्टिकोण है, पूरा विषय-वस्तु नहीं। 
(4) ''उत्क्रान्तीय पहलू'' मानवशास्त्र/जीवविज्ञान का क्षेत्र है। इसलिए सबसे उपयुक्त उत्तर (2) है—सामाजिक जीवन के सभी पहलू।