Question:

एक द्वि‑क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में आय का चक्रीय प्रवाह समझाइए।
 

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दो प्रवाह: वास्तविक (कारक/वस्तुएँ) और मौद्रिक (आय/व्यय) विपरीत दिशाओं में। संतुलन पहचान: \(Y=C+I\) तथा वित्त क्षेत्र जोड़ें तो \(S=I\). लीकेज–इंजेक्शन सोच से आय समायोजन समझिए।
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Solution and Explanation

द्वि‑क्षेत्रीय मॉडल में दो इकाइयाँ हैं—परिवार और फर्में। परिवार कारक सेवाएँ (श्रम, भूमि, पूँजी) फर्मों को देते हैं; बदले में वेतन, किराया, ब्याज, लाभ के रूप में आय प्राप्त करते हैं। यही आय परिवार वस्तु‑बाज़ार में उपभोग व्यय के रूप में फर्मों को लौटाते हैं। इस प्रकार वास्तविक प्रवाह (कारक व वस्तुएँ) और मौद्रिक प्रवाह (आय व व्यय) विपरीत दिशाओं में निरंतर वृत्त बनाते हैं। यदि बचत/निवेश को शामिल करें तो परिवार बचत वित्तीय क्षेत्र को देते हैं और फर्में निवेश उधार लेती हैं; संतुलन की शर्त \(S=I\) से \(Y=C+I\) बनती है। किसी भी असमानता पर आय समायोजित होकर नया संतुलन बनाती है। % Topic - circular flow (two-sector)
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