चरण 1: मूल अवधारणा। 
चार्ल्स डार्विन ने अपनी कृति On the Origin of Species (1859) में Struggle for Existence (अस्तित्व के लिए संघर्ष) का विचार प्रस्तुत किया—प्रकृति में संसाधन सीमित होने से जीव प्रतिस्पर्धा करते हैं; जो बेहतर ढलते हैं वे प्राकृतिक चयन के जरिए बचते और प्रजनन करते हैं। 
चरण 2: संबंधित पदों का भेद। 
'Survival of the Fittest' (सबसे योग्य का अस्तित्व) शब्दावली हरबर्ट स्पेंसर ने गढ़ी; बाद में डार्विन ने इसे अपनाया, किन्तु 'अस्तित्व के लिए संघर्ष' का प्रतिपादन डार्विन का ही है। दुर्कीम और सोरोकिन क्रमशः सामाजिक एकात्मता/एनोमी और सांस्कृतिक-परिवर्तन के सिद्धांतकार हैं। 
निष्कर्ष: दिए गए विकल्पों में इस अवधारणा के प्रवर्तक चार्ल्स डार्विन हैं।