सामाजिक पहचान सिद्धांत बताता है कि हमारी ``मैं'' पहचान काफी हद तक ``हम'' से बनती है। अंतः–समूह पक्षधरता में अपने समूह के सदस्यों को अधिक सकारात्मक मानना, संसाधन–वितरण में प्राथमिकता देना और गलतियों को क्षमा करना शामिल हो सकता है। इसका लाभ एकजुटता है, पर बाह्य–समूह के प्रति पूर्वाग्रह और भेदभाव का जोखिम बढ़ता है। विद्यालय या कार्यस्थल में मिश्रित टीम, साझा लक्ष्य और समान मानकों से नकारात्मक प्रतिस्पर्धा सहयोग में बदली जा सकती है।