1992 में ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, जिसे 'पृथ्वी सम्मेलन' (Earth Summit) के नाम से जाना जाता है, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना थी। इसकी प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:
- एजेंडा 21 (Agenda 21): यह सम्मेलन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक थी। यह सतत विकास को प्राप्त करने के लिए 21वीं सदी के लिए एक व्यापक कार्य योजना है। इसमें गरीबी, उपभोग के पैटर्न, स्वास्थ्य, और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन जैसे विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है।
- रियो घोषणा (Rio Declaration): इसमें पर्यावरण और विकास पर 27 सिद्धांत शामिल थे जो देशों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को परिभाषित करते हैं। इसने 'साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों' (Common but Differentiated Responsibilities) के महत्वपूर्ण सिद्धांत को स्थापित किया।
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC): यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि थी जिसका उद्देश्य वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता को स्थिर करना था। इसी कन्वेंशन के आधार पर बाद में क्योटो प्रोटोकॉल और पेरिस समझौते को अपनाया गया।
- जैविक विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity - CBD): यह जैव विविधता के संरक्षण, इसके घटकों के सतत उपयोग और आनुवंशिक संसाधनों से होने वाले लाभों के उचित और समान बंटवारे के लिए एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि थी।
- वन सिद्धांत (Forest Principles): यह सभी प्रकार के वनों के प्रबंधन, संरक्षण और सतत विकास पर एक गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का वक्तव्य था।
इस सम्मेलन ने पर्यावरण के मुद्दों को वैश्विक राजनीति के केंद्र में ला दिया और सतत विकास की अवधारणा को विश्व स्तर पर स्थापित किया।